कांग्रेस ने दोबारा हासिल की खोई जमीन

मंगलवार, 26 नवंबर 2013 (16:13 IST)
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जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस अशोक गहलोत सरकार की लोकलुभावन योजनाओं के भरोसे दोबारा सत्ता हासिल करने की उम्मीद में हैं, जबकि विपक्षी भाजपा को उम्मीद है कि राज्य में विकास की कमी और सत्ता विरोधी लहर उसके हाथ में सत्ता की बागडोर सौंप देगी।

चुनावी रैलियों में जहां गहलोत अपनी इन योजनाओं का हवाला देते हुए अपने साथ न्याय किए जाने की मांग कर लोगों की तालियां बटोर रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा की उम्मीदवार वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री पर चुनाव के बाद से ‘सोए’ रहने और अब वोट की खातिर रेवड़ियां बांटने का आरोप लगाते हुए लोगों के दिलों तक पहुंच रही हैं।

इस रेगिस्तानी राज्य के विशाल क्षेत्र के दौरे के बाद यह कहा जा सकता है कि सत्तारूढ़ दल ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए पेंशन योजना, सभी को मुख्य स्वास्थ्य जांच और दवाइयों जैसी विभिन्न कल्याणकारियों योजनाओं की बदौलत अपनी खोई हुई जमीन दोबारा अपने पक्ष में करने में कामयाब होती दिख रही है।

विभिन्न कांग्रेस नेताओं ने कहा कि हम सिर्फ दिल्ली में अपनी सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रहे हैं। यहां हमारे खिलाफ कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है।

कांग्रेस नेताओं के इस दावे को जयपुर में काम करने वाले कुलदीप गोडारा के कथन से बल मिलता है। कुलदीप की मां जोधपुर में अपने गांव के घर में रहती हैं। कुलदीप से जब उनकी राजनीतिक पसंद के बारे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेरी मां को उसके घर में हर महीने 500 रुपए मिलते हैं। वहां न सिर्फ उसे बल्कि हमारे जानवरों को भी मुफ्त चिकित्सा सुविधा मिलती है। मैं इसे नजरअंदाज नहीं कर सकता।

हालांकि दूसरी तरफ भाजपा नेता ने गहलोत सरकार पर ज्यादातर समय कुछ नहीं करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि उनकी लोकलुभावन योजनाएं बेहद छोटी और काफी देर से शुरू की गई हैं।

मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा उम्मीदवार वसुंधरा राजे यहां चुनावी रैलियों में कहती हैं कि वह चार वर्षों तक कुंभकरण की तरह सोए रहे। अब वे कह रहे हैं, कृपया पेंशन ले लो। सब ले लो, बस हमें वोट दे दो। वे चुनाव की वजह से ही नींद से जागे हैं। आपको एक ऐसी सरकार चाहिए, जो आपके लिए चौबीसो घंटे काम करे।

हालांकि भाजपा में भी यह मौन स्वीकृति है कि लोगों ने इन योजनाओं को स्वीकारा है और उसने वादा किया है कि सत्ता में आने पर वह वर्तमान योजनाओं को छूए बिना अपनी लोक कल्याणकारी योजनाएं शुरू करेगी। (भाषा)

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