बीकानेर में इस बार कांग्रेस से आहत मुसलमान!

शुक्रवार, 29 नवंबर 2013 (19:36 IST)
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बीकानेर। जिले में कांग्रेस के प्रति पूरे समर्पण के बाद भी पार्टी में सियासी उपेक्षा झेल रहे बीकानेर के मुसलमान अब कांग्रेस से उखड़े हुए दिखाई दे रहे हैं।

बीकानेर में अल्पसंख्यकों के एक बड़े वर्ग का कहना है कि मुसलमानों ने हमेशा कांग्रेस के प्रति पूरी निष्ठा रखी लेकिन जब मुसलान को जिले की सात में से किसी एक पर टिकट देने की बात आई तो पार्टी ने मुसलमानों को रिजेक्ट कर दिया।

मुस्लिम कार्यकर्ताओं का कहना है कि टिकट वितरण के बाद ऐसा लगता है कि मुसलमानों को तो कांग्रेस पर भरोसा है मगर कांग्रेस को मुसमानों पर भरोसा नहीं है। कुछ मुस्लिम नौजवानों ने आरोप लगाया कि कांग्रेस वाले मुसलमानों को बुलाते हैं और साथ रखने का दिखावा करते हैं मगर जब मुसलमान को सियासत में मजबूत करने की बात आती है तो कांग्रेस उनकी उपेक्षा कर देती है और बीकानेर में कांग्रेस नेता बंधुओं ने शहर के कुछ मजबूत नेताओं को ढाल बना रखा है जो चुनावों में इन नेताओं का इस्तेमाल महज अपना वोट बैंक पुख्ता करने के लिए काम में लेते हैं।

मुस्लिम वर्ग के जागरूक लोगों की मानें तो बीकानेर जिले में दो लाख से ज्यादा मतदाता हैं लेकिन भाजपा ने एक भी सीट पर टिकट नहीं दिया जबकि कांग्रेस अगर किसी मुसलमान दावेदार को बीकानेर पूर्व सीट से मैदान में उतार देती तो इस सीट पर भाजपा के एकतरफा माहौल का भ्रम दूर हो जाता।

मुस्लिम युवाओं का कहना है कि कांग्रेस मुसलमानों का वोट तो चाहती है लेकिन सत्ता में भागीदारी देने को तैयार नहीं और हिन्‍दू-मुस्लिम की एकता के लिए कांग्रेसी चाहे हमारे साथ ईद, दीपावली और रक्षाबंधन के त्यौहार साथ मनाते हों लेकिन एक बात साफ हो गई कि बीकानेर में कांग्रेस किसी मुस्लिम नेता को सत्ता में भागदारी नहीं देना चाहती जिससे मुस्लिम अपने मुददे उठा सकें।

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