कुमार ने बताया कि यदि मतदाता किसी कारणवश यह पहचान पत्र नहीं दिखा पाता है तो उसे वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेज के रूप में मान्य दस्तावेजों में से किसी एक को प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। कुमार ने बताया कि मतदाता को अपनी पहचान के लिए पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राज्य या केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैंकों या डाकघरों द्वारा जारी की गई फोटोयुक्त पासबुक, पैन कार्ड, आरजीआई एवं एनपीआर द्वारा जारी किए गए स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना द्वारा जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, निर्वाचन तंत्र द्वारा जारी फोटो मतदाता पर्ची, विधायकों, सांसदों को जारी किए सरकारी पहचान पत्र, आधार कार्ड दिखाने होंगे।
कुमार ने बताया कि फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र में लेखनी तथा वर्तनी की अशुद्धि आदि को नजरअन्दाज किया जाएगा बशर्ते कि मतदाता की पहचान एपिक कार्ड से सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि कोई मतदाता फोटो पहचान पत्र प्रदर्शित करता है, जो कि किसी अन्य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी द्वारा जारी किया गया है, ऐसे ईपीआईसी भी पहचान स्थापित करने के लिए स्वीकृत किए जाएंगे, बशर्ते कि निर्वाचक का नाम जहां वह मतदान करने आया है, उस मतदान स्थल से संबंधित मतदाता सूची में उपलब्ध होना चाहिए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि यदि मतदाता सूची, फोटो पहचान पत्र, फोटो मतदाता पर्ची में मतदाता की फोटो मेल नहीं करती है तो मतदाता की पहचान सुनिश्चित करने के लिए मतदाता को चुनाव आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त किसी एक वैकल्पिक फोटो दस्तावेज भी प्रस्तुत करना होगा।