4 cleaners died : जयपुर में सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरे 4 श्रमिकों (4 cleaners) की संदिग्ध जहरीली गैस के प्रभाव से मौत हो गई। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पुलिस का कहना है कि यह घटना सांगानेर सदर थानाक्षेत्र में सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र के ज्वेलरी जोन में सोमवार रात हुई। ये सफाईकर्मी आभूषण बनाने वाली एक कंपनी के सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरे थे ताकि उसकी गाद से सोने-चांदी के अवशेष (कण) निकाले जा सकें। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है।
पुलिस के अनुसार मृतकों की पहचान संजीव पाल, हिमांशु सिंह, रोहित पाल तथा अर्पित के रूप में हुई है। ये सभी उत्तरप्रदेश के रहने वाले थे। अस्वस्थ 4 युवकों- अजय चौहान, राजपाल, अमित और सूरज को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। अधिकारियों ने बताया कि आभूषण निर्माण कार्य के दौरान रसायनयुक्त जो पानी सेप्टिक टैंक में जाता है, उसमें ठोस कचरे के साथ सोने-चांदी के कण मिले होते हैं। उनका कहना है कि यह पानी गाद के रूप में टैंक में जमा होता है जिसे निकाला जाता है और उसमें से सोने-चांदी के कणों को अलग किया जाता है। आभूषण बनाने वाली कंपनियों में यह आम प्रक्रिया है और इसी के दौरान यह हादसा हो गया।
राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने जांच का आदेश दिया : राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने जयपुर कलेक्टर और पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर मामले की उचित जांच और कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति जी.आर. मूलचंदानी ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किए। आदेश में कहा गया कि मामले की गंभीरता के मद्देनजर उसका संज्ञान लेते हुए जिला कलेक्टर और जयपुर पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किया जाता है और उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे मामले की प्रभावी जांच करें, दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें, अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंपें और मृतक के आश्रितों/परिवार के सदस्यों को आवश्यक मुआवजा राशि प्रदान करना सुनिश्चित करें।
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने 'एक्स' पर लिखा कि पिछले 10 दिनों में ही डीग, बीकानेर और अब जयपुर में सेप्टिक टैंक एवं नालों की सफाई करते हुए 11 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। ऐसा लगता है कि राज्य सरकार का सफाई कर्मचारियों की ओर ध्यान नहीं है। उन्होंने कहा कि बजट में राज्य सरकार मशीनें खरीदने की घोषणा कर चुकी है, पर अभी तक वह घोषणा कागजों में है। उन्होंने पूछा आखिर सरकार की नींद कब टूटेगी?(भाषा)