सजाएँ राखी की थाली

- नेहा कश्यप

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राखी बाँधने की रस्म में पूजा की थाली महती भूमिका निभाती है। अगर थाल भी बेहतरीन ढंग से सजाकर रस्में निभाई जाएँ, तो त्योहार का समाज दोगुना हो जाता है। और ऐसी सजी-सँवरी थाल को देखकर भाई का मन भी पुलक उठता है।

यदि आपको राखी की कलात्मक थाली सजाने की इच्छा हो, तो स्टील की थाली लेकर, पेंट करके उस पर विभिन्न प्रकार के वर्क किए जा सकते हैं। वैसे आजकल ट्रेडिशनल वर्क का प्रचलन अधिक है। चाहें तो कोन में ऑइल पेंट भरकर थाली पर मनचाहा डिजाइन बना सकते हैं।

उसके बीच-बीच में काँच चिपकाकर उसे और आकर्षक बना सकती हैं। या फिर कुंदन, स्टोन्स, जरदोजी, सितारे आदि लगाकर भी अलग तरह का वर्क किया जा सकता है। अपनी कल्पना शक्ति का उपयोग कर आप थाली को मनचाहा डिजाइन प्रदान कर सकती हैं।

पत्ती, फूल या किसी विशेष आकार वाली थाली घर में हो, तो सजावट की खास जरूरत नहीं। बस इतना ध्यान रखें कि ऐसी थाली में मिठाई सफेद जचेंगी तथा राखी मोतियों वाली हो, तो क्या बात है।

वेलवेट पेपर को थाली के अंदर के माप के अनुसार गोलाकार काटकर थाली के अंदर चिपका दें। कटोरियों को मनचाहे रंगों में रंगें। थाली के बीच में चौकोर कटोरी रखें और उसके चारों तरफ गोल कटोरियाँ। थाली के चारों ओर थर्माकोल बॉल्स एक-एक इंच की दूरी से चिपका दें। कटोरियों पर मोती की लड़ चिपका दें। बीच वाली कटोरी पर छोटा सा नारियल खड़ा करके रखें। बाकी कटोरियों में हल्दी, कुमकुम, चावल, मिठाई आदि रखें। तैयार है मनमोहक और पारंपरिक राखी की थाली।

एक रचनात्मक थाली का सृजन ऐसे किया जा सकता है। केन यानी बाँस की थाली लीजिए (थर्माकोल की थाली का भी इस्तेमाल कर सकती हैं) इसमें मनपसंद कपड़ा लगाएँ तथा नन्हे सितारे जड़ दीजिए। किनारों पर गोटा या सुनहरी बेल लगाकर, उस पर मोती चिपका दीजिए।

अब टेराकोटा की छोटी-छोटी मटकियाँ रखिए। इन मटकियों को पहले से सुनहरा पेंट करके इन पर कुंदन चिपका दीजिए। मटकियों में रोली, अक्षत और मिश्री रखें। प्रतीकात्मक नारियल के पास आसीन करें टेराकोटा की लक्ष्मी और अब रखें थाली में राखी। लीजिए तैयार है मनभावन थाली।

यूँ भी कर सकती हैं आप, पूजा की कांसे की थाली लेकर, उस पर नीले और हरे रंग का कपड़ा या मनचाहे रंग के कपड़े को चिपकाएँ। थाली के किनारे पर गणेश की तस्वीर चिपकाएँ। दो कटोरियों में रोली-चावल रखें और अब इसमें रख लीजिए मिठाई और राखी।

गोल्ड-सिल्वर फिनिश वाली थाली में घुँघुरू लगे हों, तो क्या बात है। इसमें कांसे और पीतल के कुछ बर्तन रखिए। कांसे के सकोरे और कलश पीतल का। नन्हे नारियल के साथ रखें खूबसूरत राखी और हो जाएँ तत्पर भाई की बलैयाँ लेने के लिए।

अगर आप हैं टेराकोटा की शौकीन, तो ऐसी थाली आपके पास जरूर होगी जिसके किनारे कंगूरेनुमा हों। इसे त्योहार के रंग में रंग दीजिए। बीच में छत्र वाले गणेशजी बैठा दीजिए। टेराकोटा के सकोरों में रोली-अक्षत और मिश्री रखकर भाई की अगवानी करने को तैयार हो जाइए। इसी तरह लक्ष्मी की मूर्ति लगी थाली भी बनाई जा सकती है। आप चाहें तो कंगूरों में मोती की सजावट कर सकती हैं।

पान से सजी थाली के लिए पान के चार-पाँच पत्ते लें। इन पत्तों को उल्टा करके उसकी गहरी धारियों पर सफेद स्पार्कल ट्यूब से लाइन बनाएँ। अब स्पार्कल वाली धारियों के बीच-बीच में रंग-बिरंगे कुंदन चिपकाएँ। चाहें तो सितारे या मोती भी चिपका सकते हैं। तैयार पानों को राखी की थाल पर सजाकर रखें। थाल तैयार है।

चाँदी की थाली इस्तेमाल करना चाहें, तो उसे यूँ सजाएँ। अंडाकार थाली में दो चाँदी की डिबियाँ रखें। इनमें से एक में रोली-चावल का सामान और एक में सूखे मेवे रखें। इस सजावट को राजसी पुट देने के लिए जरूरत है, एक नन्हे सिंहासन पर लक्ष्मी-गणेश विराजें, और हो मिनिएचर नारियल। बस, इसमें राखी रखें और मोह लें मन भाई का।

अखरोट सजी थाली के लिए थाली पर मरून वेल्वेट चिपकाएँ। अखरोट के छिलकों को आधा करके गोल्डन पेंट कर थाली के किनारों पर चिपकाएँ। थाली के बीच में पाँच छिलके का गहरा हिस्सा ऊपर की तरफ रखकर चिपकाएँ। इनमें तेल-बाती, हल्दी, कुमकुम, चावल और रोली भरें। मिठाई और राखी एक तरफ रख लें। आकर्षक थाली तैयार है।

चाँदी सी थाली के लिए एल्यूमीनियम फॉइल को क्रश करके सीधा करके थाली पर चिपका दें। पिसी ब्रेड में लाल रंग, फेवीकॉल, पानी डालकर गूँथे। इसके छोटे गुलाब बना लें। थाली की किनारी पर गुलाब के पौधे की ताजी पत्तियाँ तीन-तीन के सेट से थोड़ी-थोड़ी दूर पर चिपकाकर गुलाब चिपकाएँ। बीच में रखें अक्षत, रोली, नारियल, मिठाई और दीपक।

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