राखी : रंगीली यादों का झरोखा

ND
ND
कच्चे सूत से बँधी
पक्की डोर है राखी
बहना का प्यार और
भाई का विश्वास है राखी

यह किसी पूछ-परख का
रिश्ता नहीं बल्कि
बहना के हक की दरकार है राखी


देहरी पर बैठी बहना को
भाई के आगमन के हिलोरे देती
शीतल बयार है राखी

मायके का एक आसरा
सिर पर भाई के हाथ का
सुकून और मीठा अहसास है राखी

जुदाई के गम में
मिलन की आस और
आँसूओं से छलकता प्यार है राखी

मीठी शरारतों का
बचपन की यादों का
चलता-फिरता चित्रहार है राखी।

वेबदुनिया पर पढ़ें