श्री राम नवमी के शुभ मुहूर्त और 10 चमत्कारी मानस चौपाइयां
हर साल चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) के अंतिम दिन यानी नवमी तिथि को श्रीराम नवमी मनाई जाती है। हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अयोध्या में राजा दशरथ के घर प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था। इस वर्ष राम नवमी का पर्व (Ram Navami 2022 Date) 10 अप्रैल को मनाया जा रहा है। रामनवमी पर सुंदरकांड अवश्य करें। म नवमी के दिन रामचरितमानस के निम्नलिखित प्रयोग किए जा सकते हैं। यहां पढ़ें श्री राम नवमी के शुभ मुहूर्त एवं रामचरितमानस की चौपाइयां...
राम नवमी के शुभ मुहूर्त-Ram Navami 2022 Shubh Muhurat
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि का प्रारंभ रविवार, 10 अप्रैल को तड़के 01.23 मिनट पर प्रारंभ होगी तथा सोमवार, 11 अप्रैल 2022 को तड़के 03.15 मिनट तक नवमी तिथि रहेगी। उदयातिथि के अनुसार राम नवमी 10 अप्रैल को मनाई जाएगी।
राम नवमी के दिन विशाखा नक्षत्र रात 08.14 मिनट रहेगा।
इस दिन पूजन का सबसे शुभ मुहूर्त दोपहर 12.04 मिनट से दोपहर 12.53 मिनट तक।
राम नवमी का मध्याह्न मुहूर्त- 11:06 मिनट से दोपहर 01:39 मिनट तक। अत: राम जन्मोत्सव आप इस समयावधि में कर सकते हैं।
(1) मनोकामना पूर्ति एवं सर्वबाधा निवारण हेतु-
'कवन सो काज कठिन जग माही।
जो नहीं होइ तात तुम पाहीं।।'
(2) भय व संशय निवृत्ति के लिए-
'रामकथा सुन्दर कर तारी।
संशय बिहग उड़व निहारी।।'
(3) अनजान स्थान पर भय के लिए मंत्र पढ़कर रक्षारेखा खींचे-
'मामभिरक्षय रघुकुल नायक।
धृतवर चाप रुचिर कर सायक।।'
(4) भगवान राम की शरण प्राप्ति हेतु-
'सुनि प्रभु वचन हरष हनुमाना।
सरनागत बच्छल (शरणागत वत्सल) भगवाना।।'
(5) विपत्ति नाश के लिए-
'राजीव नयन धरें धनु सायक।
भगत बिपति भंजन सुखदायक।।'
(6) रोग तथा उपद्रवों की शांति हेतु-
'दैहिक दैविक भौतिक तापा।
राम राज नहिं काहुहिं ब्यापा।।'
(7) आजीविका प्राप्ति या वृद्धि हेतु-
'बिस्व भरन पोषन कर जोई।
ताकर नाम भरत अस होई।।'
(8) विद्या प्राप्ति के लिए-
'गुरु गृह गए पढ़न रघुराई।
अल्पकाल विद्या सब आई।।'
(9) संपत्ति प्राप्ति के लिए-
'जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं।
सुख संपत्ति नानाविधि पावहिं।।'
(10) शत्रु नाश के लिए-
'बयरू न कर काहू सन कोई।
रामप्रताप विषमता खोई।।'
आवश्यकता के अनुरूप कोई मंत्र लेकर एक माला जपें तथा एक माला का हवन करें। जप के पहले श्री हनुमान चालीसा का पाठ कर लें तो शुभ रहेगा। जब तक कार्य पूरा न हो, तब तक एक माला (तुलसी की) नित्य जपें। यदि सम्पुट में इनका प्रयोग करें तो शीघ्र तथा निश्चित कार्यसिद्धि होगी।