सारा आसमान रंगबिरंगा नजर आ रहा था। उत्तरायण में पतंग महोत्सव गुजरात में आसमान को सतरंगी बनाए हुए था।
सांप्रदायिक सद्भाव के लिहाज से भी यह काफी अनोखा मौका रहा। यहाँ के जमालपुर इलाके में पतंग बनाने वाले कई मुस्लिम परिवार भी हिन्दुओं के इस आयोजन में शामिल थे। उमर भाई यहाँ पतंग बनाते हैं। वे 35 साल से इस व्यापार से जुड़े हुए हैं।
उत्तरायण का महत्व उन्हें मालूम है और वे कहते हैं कि हमें खुशी ही नहीं फख्र इस बात का है कि हम अपने हिन्दू भाइयों के लिए पतंग बनाते हैं। यहाँ पतंग बनाने वाला प्रत्येक व्यक्ति मुस्लिम है और खरीदार हिन्दू।
अधिकांश का ये मानना है कि पतंग बनाने में मुस्लिमों की महारत है और इसीलिए लोग उनकी बनी पतंगें लेते हैं।
गुजरात में कुछ वर्ष पहले हुए सांप्रदायिक दंगों ने फिजा खराब कर दी थी, लेकिन इस तरह के त्योहारों ने इसको निखार दिया।
मकर संक्रांति 14 जनवरी को है और इसके चलते लोगों में त्योहारी उल्लास है। तेज आवाज में टेप, छत पर पतंगबाजों की भीड़ और सतरंगी आसमान। (नईदुनिया)