लखनऊ। उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव भले ही अभी ढाई साल दूर हो, लेकिन हालिया लोकसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत से बेहद उत्साहित भाजपा में देश के इस सबसे बड़े राज्य के अगले मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए दावेदारों की ‘फेसबुकिया जंग’ छिड़ गई है।
हालांकि उत्तरप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री पद के लिए जारी ऑनलाइन प्रतिस्पर्धा भाजपा नेताओं के बीच नहीं बल्कि उनके समर्थकों के बीच बताई जा रही है और वे अपनी-अपनी पसंद के नेताओं के लिए ज्यादा से ज्यादा समर्थन जुटाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ‘फेसबुक’ पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे एवं प्रदेश भाजपा महासचिव पंकज सिंह, सांसद वरुण गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह, भाजपा के तेजतर्रार नेता योगी आदित्यनाथ और पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी समेत कई ‘दावेदारों’ के पेज पिछले कई महीनों से चमक रहे हैं लेकिन मीडिया में मामला उछलने के बाद ये कथित दावेदार अब इसे अतिउत्साही समर्थकों की हरकत बताते हुए पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रदेश भाजपा महासचिव पंकज सिंह के नाम से फेसबुक पर पेज बना है जिसका शीर्षक ‘सीएम फॉर यूपी फैन्स क्लब’ है। इस पेज को 4 हजार से ज्यादा उपयोगकर्ताओं ने खुद से जोड़ रखा है।
हालांकि पंकज ने इस बारे में पूछे जाने पर बताया कि मेरा ऐसा किसी वेब पेज से कोई लेना-देना नहीं है। मैं ऐसे किसी अभियान के पक्ष में नहीं हूं। मैं ऐसे सभी उत्साही समर्थकों से अपील करता हूं कि किसी एक व्यक्ति को दावेदार के रूप में पेश करने के बजाय वे भाजपा की राष्ट्रवादी विचारधारा को प्रचारित करें।
फेसबुक पर वरुण गांधी के पक्ष में ‘वरुण गांधी यूथ ब्रिगेड’ ने पेज बनाया है। यह संगठन वरुण को उत्तरप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर पेश कर रहा है।
वरुण के लिए जमीन तैयार करने की कोशिश के तहत उनकी मां केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने हाल में पीलीभीत में कहा था कि यह अच्छा होगा, अगर उत्तरप्रदेश में भी भाजपा की सरकार हो। उस स्थिति में हम ज्यादा अधिकार के साथ काम कर सकते। तब और भी अच्छा होता यदि उस सरकार को वरुण चला रहे होते। उस स्थिति में पीलीभीत को विकास का सबसे ज्यादा फायदा मिलता।
वरुण को मुख्यमंत्री पद के लिए पेश किए जाने के बारे में पूछे जाने पर मेनका ने कहा कि यह तो भविष्य का मामला है।
भाजपा के प्रांतीय अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी को भी मुख्यमंत्री पद के तौर पर पेश करता पेज अभी हाल तक फेसबुक पर दिखाई दिया था। स्कूटर चलाते हुए बाजपेयी की फोटो लगा ‘फॉर सीएम यूपी’ शीर्षक वाला पेज उनके द्वारा लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र लिखे जाने के बाद हटा लिया गया।
बाजपेयी ने इसे साजिश करार देते हुए कहा कि उनका इस वेब पेज से कोई वास्ता नहीं था और इसकी साइबर अपराध प्रकोष्ठ से जांच कराई जानी चाहिए।
भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक का कहना है कि सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के दावेदार के तौर पर पेश किए जा रहे ज्यादातर नेताओं को तो इसके बारे में पता तक नहीं है।
उनका कहना है कि भाजपा की अपनी लोकतांत्रिक कार्यसंस्कृति है। उसका हर निर्णय पार्टी आलाकमान तथा संसदीय बोर्ड लेता है। कोई भी व्यक्ति खुद को किसी पद के दावेदार के तौर पर पेश नहीं कर सकता। (भाषा)