रायपुर। कांग्रेस ने नक्सली हमले में शहीद नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा व उदय मुदलियार के परिजनों को विधानसभा का प्रत्याशी घोषित कर पार्टी के प्रति योगदान का कर्ज अदा कर दिया। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव में सहानुभूति वोट हासिल करने का प्रयास किया जाएगा। कांग्रेस ने भाजपा से पहले सूची जारी कर पहली लड़ाई में बाजी जीत ली है।
कांग्रेस ने इस बार छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव गंभीरता से लड़ने के संकेत भी दे दिए हैं। कांग्रेस हाईकमान ने छत्तीसगढ़ में होने वाले पहले चरण के चुनाव के लिए शुक्रवार को प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की।
17 उम्मीदवारों में स्व. महेंद्र कर्मा की पत्नी देहुती कर्मा को दंतेवाड़ा से प्रत्याशी बनाया है। पटेल के बेटे उमेश पटेल खरसिया व मुदलियार की पत्नी अलका मुदलियार राजनांदगांव से चुनाव लड़ेंगी। खास बात है कि तीनों ही प्रत्याशी पहले कभी सक्रिय राजनीति में नहीं रहे।
इस बार कांग्रेस ने भाजपा से पहले ही अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए जिससे कि नामांकन व लोगों से संपर्क का समय मिल सके। कांग्रेस प्रत्याशियों का चयन पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सर्वे के आधार पर किया गया है और जीत के योग्य प्रत्याशियों को ही प्राथमिकता दी गई है।
कांग्रेस टिकट पाने वालों में अजीत जोगी के कई समर्थक हैं। जोगी के कट्टर समर्थक मनोज मण्डावी को भानुप्रतापपुर से उम्मीदवार बनाया गया है, वहीं जोगी खेमे के लखेश्वर बघेल को बस्तर व कवासी लखमा को कोंटा से उम्मीदवार बनाया गया है। झीरम घाटी कांड में लखमा को नक्सलियों ने छोड़ दिया था।
इसके बाद उन पर नक्सलियों के साथ मिलीभगत का आरोप लगा था। इसके बाद माना जा रहा था कि राहुल गांधी लखमा से खफा हैं और उनका टिकट कट सकता है। लखमा वर्तमान में विधायक हैं। वे लगातार दो बार से चुनाव जीतकर आ रहे हैं।
भाजपा सांसद बलीराम कश्यप के निधन से रिक्त बस्तर लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में लखमा को प्रत्याशी बनाया गया था। उस वक्त स्व. महेंद्र कर्मा भी दावेदार थे, लेकिन जोगी के विरोध के चलते उन्हें टिकट नहीं मिला था।
जगदलपुर सामान्य सीट है। कांग्रेस ने वहां से भी आदिवासी श्यामू कश्यप को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने टिकट वितरण में पुराने चेहरे व नाम की जगह नया चेहरा व जमीनी नेताओं को महत्व दिया है, मसलन बस्तर में पुराने नेता उमाशंकर शुक्ला, शिव नेताम व गंगा पोटाई की जगह नए लोगों को मैदान में उतारने का फैसला किया है जिन पर किसी तरह का आरोप नहीं लगा है।
कांग्रेस ने खराब छवि व नॉन परफॉरमेंस वाले विधायकों का टिकट काटने से भी परहेज नहीं किया। डोगरगांव के विधायक शिवराजसिंह उसारे की जगह दलेश्वर साहू को टिकट दिया गया है।
खुज्जी विधानसभा क्षेत्र के विधायक भोलाराम साहू को टिकट रोक दिया गया है, क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में उनके इलाके में कांग्रेस प्रत्याशी की हार 10 हजार से अधिक वोटों से हुई थी। इस फॉर्मूले में कांग्रेस के कई विधायक फंस रहे हैं।