आरोपी ने सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए शुक्रवार को 4 मजदूर बुलाए थे जिनमें से 3 मजदूरों की विषैली गैस से दम घुटने के कारण मौत हो गई। उन्होंने बताया कि घराट ने ही मजदूरों को टैंक से बाहर निकाला और उन्हें तत्काल पास के अस्पताल ले गया, जहां चिकित्सकों ने 3 को मृत घोषत कर दिया। 1 मजदूर का उपचार चल रहा है।
अधिकारी ने बताया कि मजदूरों को पर्याप्त सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं कराए गए थे और आरोपी ने उनकी सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किए थे। मृतकों की पहचान नारायण बोये, जयेन्द्र मुकने और तेजस भाटे के तौर पर की गई है। सभी की उम्र 20 से 25 साल के बीच है।