उच्च न्यायालय के पत्रांक के आलोक में जिला एवं सत्र न्यायाधीश धनबाद के कार्यालय ने आदेश जारी कर दिया है। अब कोर्ट में फाईल होने वाले नए केस, आपराधिक या दिवानी जमानत, आवेदन, शिकायतवाद, भरण-पोषण आवेदन, दाम्पत्य जीवन का पुनर्स्थापना, अपील रिवीजन समेत सभी आवेदनों पर आवेदक को अपना नाम, पिता का नाम, जाति की कोटि, मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी (वैकल्पिक) के अलावा आधार नंबर अनिवार्य कर दिया गया है।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधेश्याम गोस्वामी ने कहा कि सिविल कोर्ट, धनबाद को हाईटेक बनाने की दिशा में यह अच्छा कदम है। इसके पूर्व सिविल कोर्ट धनबाद में ई-फाइलिंग की व्यवस्था चल रही है जिसके द्वारा अधिवक्ताओं को उनके हर मुकदमे की तिथि की जानकारी एसएमएस द्वारा भेजी जा रही है।
वहीं अब आधार नंबर से केस से लिंक कर देने के बाद मुकदमे के पक्षकारों को भी एसएमएस द्वारा मुकदमे की तारीख की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा आधार नंबर से लिंक हो जाने के बाद यह पता करने में सहूलियत होगी कि जिले में महिला, बच्चे, विकलांग, वरिष्ठ नागरिक एवं समाज के पिछड़े वर्ग के लोगों से संबंधित कितने मुकदमे लंबित हैं। (वार्ता)