पेशी के दौरान मैनेजर ने अपने बयान में घटना को भगवान की मर्जी बताया है। पुलिस ने सभी 9 आरोपियों को 31 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। अन्य आरोपियों में 2 टिकट क्लर्क, 2 ठेकेदार और 3 सुरक्षा गार्ड शामिल हैं।
अदालत ने 4 आरोपियों को पुलिस हिरासत में भेजा, जबकि 5 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा है। अदालत में पेश होने वाले आरोपियों में ब्रिज की मरम्मत करने वाली कंपनी ओरेवा Oreva के दो मैनेजर भी शामिल थे। अदालत में 2 मैनेजर पेश हुए। इनमें से एक मैनेजर ने घटना को एक्ट ऑफ गॉड बताया है। 5 सदस्यीय टीम पूरे मामले की जांच भी कर रही है।
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों के एक दल ने तय किया कि सभी 135 लोगों की मौत की वजह डूबना थी और कुछ डूबने एवं संबंधित जख्मों के कारण मर गये। चूंकि मौत की वजह ज्ञात थी तथा पता करने के लिए कुछ और था नहीं, इसलिए निर्धारित चिकित्सा विशेषज्ञों की राय के आधार पर मृतकों का पोस्टमार्टम नहीं किया गया। Edited by Sudhir Sharma