Godavan Conservation Programme : भारतीय सशस्त्र बलों के 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सीमावर्ती इलाकों में बढ़ती ड्रोन गतिविधियों और तेज शोर को देखते हुए जैसलमेर से गोडावण के नौ चूजों को अजमेर स्थानांतरित किया गया। अधिकारियों ने बताया कि गोडावण ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के जिन चूजों को विशेष सॉफ्ट सस्पेंशन वाहनों में अजमेर भेजा गया वे 5 से 28 दिन के हैं। ये पक्षी तेज ध्वनि के प्रति बेहद संवेदनशील होते हैं। भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान और उसके बाद उपजे हालात को देखते हुए किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए इन चूजों को स्थानांतरित किया गया है।
मरुस्थल राष्ट्रीय उद्यान (डीएनपी) के अधिकारी (डीएफओ) बृजमोहन गुप्ता ने कहा कि इन्हें सुदासरी और रामदेवरा प्रजनन केंद्रों से अजमेर जिले के अरवर गांव भेजा गया है। देश का एकमात्र गोडावण संरक्षण कार्यक्रम सम और रामदेवरा केंद्रों पर चलाया जा रहा है, जो जैसलमेर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है।
गुप्ता ने कहा कि प्रजनन केंद्र में चूजों सहित 59 गोडावण हैं, जिनमें से नौ को अजमेर स्थानांतरित कर दिया गया। सभी चूजों को विशेष रूप से डिजाइन किए गए दो वाहनों में ले जाया गया। इन वाहनों में विशेष सस्पेंशन लगा गए थे और रेत के बिस्तर के साथ विशेष गद्देदार डिब्बों की व्यवस्था की गई थी ताकि चूजों की यात्रा आरामदायक रहे। इन चूजों को वापस लाने के बारे में फैसला आगे के हालात देखकर किया जाएगा।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour