लखनऊ। हाल ही में संपन्न उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के सहयोगी दलों के नेताओं के बगावती सुरों पर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के सब्र का बांध टूट गया है। शनिवार को प्रसपा अध्यक्ष एवं अपने चाचा शिवपाल सिंह से किनारा करने के बाद अखिलेश ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) से भी कन्नी काट ली है।
सपा के पत्र पर राजभर ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह सपा के पत्र का सम्मान करते हैं। उनकी पार्टी भाजपा से संघर्षरत रही मगर उसे सपा का अपेक्षित साथ नहीं मिला। दरअसल, सपा मुखिया मनमर्जी के मालिक हैं। इसी साल हुए तीन चुनाव में सपा को मुंह की खानी पड़ी है और 2024 में भी जनता ऐसा ही कुछ देखेगी।
गौरतलब है कि सुभासपा ने इस साल संपन्न विधानसभा चुनाव सपा के साथ मिलकर लड़ा था मगर गठबंधन को मिली हार के बाद दोनों दलों के नेताओं के रिश्तों में तल्खी देखने को मिली थी। पिछले दिनों राजभर की भाजपा के नेताओं के साथ मुलाकात ने अखिलेश को असहज किया था। हाल ही में राजभर ने अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा था कि वह एयरकंडीशन कमरों में बैठकर राजनीति करते हैं।(वार्ता)