शेलार ने बताया कि अंबेडकर को मानने वाले और महाराष्ट्र के लोगों के लिए यह एक भावनात्मक मुद्दा है। इस घर का बाजार मूल्य 40 करोड़ रुपए है। गोल्डश्मिट एंड हॉलैंड के एक एजेंट के हवाले से शेलार ने बताया कि पिछले साल यह गतिविधि शुरू होने के बाद भारतीय अधिकारियों ने इस संपत्ति में दिलचस्पी दिखानी बंद कर दी।
पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने भी केंद्र सरकार से इस संपत्ति को खरीदने के लिए आग्रह किया था। चव्हाण ने कहा कि जब मेरा कार्यकाल समाप्त होने को था, हमने इस मकान को खरीदने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया था। इसकी अंतरराष्ट्रीय लेन-देन होगी और केवल केंद्र सरकार ही इसे खरीद सकती है। मुझे नहीं मालूम कि बाद में क्या हुआ। (भाषा)