जॉर्ज ने एक बयान में कहा कि अथिराप्पिल्ली वन क्षेत्र में जंगली सूअरों की मौत होने के बाद, स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग और वन विभाग ने जांच शुरू की तथा एंथ्रेक्स संक्रमण की पुष्टि करने के लिए इनके नमूनों का परीक्षण किया गया। स्वास्थ्य विभाग एंथ्रेक्स के प्रसार को रोकने के लिए तत्काल कदम उठा रहा है।
सूअरों पर नजर : स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, जंगली सूअर के शवों को निकालने और दफनाने गए लोगों के स्वास्थ्य पर नज़र रखी जा रही है। उन्हें आवश्यक निवारक उपचार भी दिया जा रहा है। यदि जंगली सूअर सहित अन्य जानवर सामूहिक रूप से मरते हुए पाए जाएंगे तो विशेष देखभाल की आवश्यकता होगी। उन्होंने लोगों से ऐसी जगहों पर नहीं जाने के लिए कहा है।
क्या है एंथ्रेक्स : एंथ्रेक्स मिट्टी में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला जीवाणु है जो आमतौर पर घरेलू और जंगली जानवरों के संपर्क में आने पर उन्हें प्रभावित करता है। मनुष्यों में यह रोग सामान्यतः पशुओं तथा उनके उत्पादों के सम्पर्क से फैलता है और इसमें मृत्यु दर लगभग 20% तक होती है। एन्थ्रेक्स को विसहरिया, गिल्टी रोग, तिल्ली बुखार आदि अनेकों नामों से भी जाना जाता है।
क्या है मनुष्यों में बीमारी के लक्षणः घाव अथवा कटे हुए संक्रमित त्वचा वाले स्थान पर लाल रंग के घब्बे, सूजन एवं छाले नजर आते हैं। मृत कोशिकाओं के स्थान पर काले रंग के दाग बन जाते हैं। उल्टी, डायरिया, खांसी, श्वांस लेने में कठिनाई आदि लक्षण देखने को मिलते हैं। स्वांस रूकने की वजह से व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है।