वर्तमान समय में भारत का मतदाता बहुत समझदार हो गया है। उत्तर प्रदेश के चुनावों ने तो सभी अटकलों पर पानी फेर दिया। लोकतंत्र के लिए देश में मजबूत सरकार के साथ ताकतवर विपक्ष भी उतना ही जरूरी है। हालांकि पांच राज्यों के चुनाव देश की भावी राजनीति पर बहुत ज्यादा असर डालेंगे, ऐसा नहीं लगता।
संस्था सेवा सुरभि द्वारा 'पांच राज्यों के चुनाव परिणाम और देश की भावी राजनीति' पर आयोजित परिवसंवाद में विभिन्न वक्ताओं ने उक्त विचार व्यक्त किए। न्यूज18 इंडिया के डिप्टी मैनेजिंग एडिटर सुमित अवस्थी ने कहा कि मतदाता बहुत समझदार हो गया है। पत्रकार भी जनता की नब्ज को नहीं पहचान पाए। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और गोवा के चुनाव में यही हुआ। यूपी के चुनाव परिणामों का अनुमान तो कोई भी नहीं लगा पाया। वहां की जनता ने एग्जिट पोल को भी नकार दिया। किसी ने भी नहीं सोचा था कि यूपी में भाजपा को 325 सीटें मिल जाएंगी। यही तो लोकतंत्र की खूबसूरती है।
उन्होंने कहा कि पंजाब में क्या हुआ? वहां कहा जा रहा था कि आम आदमी पार्टी आएगी, लेकिन हुआ इसका उलट। गोवा में भी चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी की खूब हवा चल रही थी, लेकिन चुनाव के पार्टी की ही हवा निकल गई। दरअसल, अवाम और लोकतंत्र को कोई नहीं समझ सकता। 2012 में इसी यादव परिवार को 220 सीटें मिलीं, उसी पार्टी की लोकसभा चुनाव में हालत खराब हो गई।