इसके बाद बच्ची के माता-पिता उसे एसएटी अस्पताल ले गए, जहां एक्स-रे से पता चला कि बच्ची की सांस नली में कुछ अवरोध है। इसके बाद डॉक्टरों के एक दल ने बच्ची को बेहोश करके ब्रोंकोस्कोपी की और अवरोध की पहचान मछली के कांटे के रूप में की और सर्जरी की मदद से कांटा निकाल दिया जिसके बाद बच्ची को सांस लेने में आ रही दिक्कत दूर हो गई।