मंदिर के सामान्य प्रबंधक उमेश सारस्वत ने कहा कि मंदिर के प्राचीन भोग-भंडार गृह के कमरे एवं एक श्रद्धालु से दान में मिले प्लॉट को शामिल कर हॉल का निर्माण कराया जाएगा। इस हॉल को वर्तमान मंदिर प्रांगण से मेहराब के माध्यम से जोड़ दिया जाएगा। इससे बड़ी तादाद में श्रद्धालु पहले से कहीं ज्यादा सुविधाजनक तरीके से दर्शन कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि हॉल का निचला तल दर्शनार्थियों के लिए रहेगा तथा ऊपरी मंजिल का प्रयोग भोग-भंडार के लिए किया जाएगा। यह निर्माण कार्य मंदिर की निधि से होगा। इसमें करीब 7.25 करोड़ की लागत आएगी तथा 1 वर्ष का समय लगेगा। इसे बनाने की जिम्मेदारी उत्तरप्रदेश राजकीय निर्माण निगम को दी गई है। (भाषा)
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