न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने याचिकाकर्ताओं की अग्रिम जमानत याचिका बुधवार को स्वीकार कर ली। इससे पहले, एक निचली अदालत ने याचिकाकर्ताओं की अग्रिम जमानत याचिका मई में खारिज कर दी थी, जिसे उन्होंने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
तीनपहाड़ थाना क्षेत्र के छोटा भोराबाग गांव में रहने वाले कांग्रेस मुर्मू ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि छह लोगों ने उसकी पत्नी पर भैंस पर काला जादू करने का आरोप लगाया। शिकायत के अनुसार, इन लोगों ने महिला पर आरोप लगाया था कि इस काले जादू के कारण भैंस के थनों से खून बहने लगा और उसने दूध देना कम कर दिया। यह भैंस इनमें से एक आरोपी माणिक साहा की है।
मुर्मू ने प्राथमिकी में आरोप लगाया कि आरोपी 12 मार्च को उसके घर में घुसे और उन्होंने उसकी पत्नी पर भैंस पर काला जादू करने का आरोप लगाया, लेकिन जब महिला ने इन आरोपों को खारिज किया तो उन्होंने उस पर हमला कर दिया और बीच-बचाव की कोशिश करने पर उसके पति को जान से मारने की कोशिश की।
प्राथमिकी के अनुसार, आरोपियों ने महिला को काला जादू वापस नहीं लेने पर निर्वस्त्र कर गांव में घुमाने की भी धमकी दी। प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता और जादू टोना प्रथा निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई। प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद आरोपियों ने राजमहल में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी, जिसे 27 मई को खारिज कर दिया गया था।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)