मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने सांगली की अदालत के उस आदेश को गुरुवार को खारिज कर दिया, जिसने नवनिर्माण सेना (मनसे) के पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा 2008 में आयोजित विरोध प्रदर्शन के मामले में आरोप-मुक्त किए जाने संबंधी पार्टी अध्यक्ष राज ठाकरे की अर्जी निरस्त कर दी थी।
ठाकरे की गिरफ्तारी के बाद मुंबई, जलगांव, औरंगाबाद और राज्य के विभिन्न हिस्सों में दंगे भड़क गए थे। इन मामलों में 54 वर्षीय ठाकरे और उनके समर्थकों के खिलाफ कई प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं।
ऐसी ही प्राथमिकियों में एक प्राथमिकी ठाकरे के खिलाफ सांगली में अवैध तरीके से लोगों को जमा करने और शांति भंग करने की धाराओं में दर्ज की गई थी। ठाकरे ने वर्ष 2013 में वहां की मजिस्ट्रेट अदालत में आरोप मुक्त करने की अर्जी दायर की थी जिसे मजिस्ट्रेट अदालत ने खारिज कर दिया और आरोप तय करने के लिए राज ठाकरे को समन किया था।