कांग्रेस के साथ गठबंधन पर माकपा के भीतर मतभेद

बुधवार, 13 जुलाई 2016 (14:19 IST)
कोलकाता। संगठित दल माने जाने वाली माकपा के भीतर अभूतपूर्व मतभेद दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि इसके बंगाल के कार्यकर्ता राज्य में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की पार्टी की राजनीतिक लाइन को चुनौती दे रहे हैं।
 
पार्टी को कभी ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा था, लेकिन इस बार इसकी बंगाल इकाई ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के खिलाफ माकपा के केंद्रीय नेतृत्व की राजनीतिक समझदारी पर सवाल उठाए हैं और पार्टी की केंद्रीय समिति द्वारा किए गए फैसलों और अपनाई गई राजनीतिक लाइन को चुनौती दी है।
 
गठबंधन का समर्थन करने वाले राज्य समिति सदस्य ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि किसी भी मुद्दे पर पार्टी के भीतर होने वाली बहसें कम्युनिस्ट पार्टी के कामकाज का हिस्सा हैं। लेकिन हां, यह पहली बार है, जब इस तरह की बहस में पश्चिम बंगाल के कार्यकर्ताओं की ओर से केंद्रीय समिति के फैसले पर खुले तौर पर सवाल उठाया गया है और यह सार्वजनिक तौर पर सामने आया है।
 
उन्होंने कहा कि हमारा कहना यह है कि बंगाल असाधारण स्थिति का सामना कर रहा है और इसके लिए असाधारण कदम उठाने की जरूरत है। हमने लोकतंत्र की हिफाजत के लिए कांग्रेस के साथ चुनावी जोड़-तोड़ कर लिया था। यह अस्तितव की लड़ाई है और नेतृत्व को यह बात समझनी चाहिए। 
 
उन्होंने कहा कि लेकिन केंद्रीय समिति का एक वर्ग हमारी स्थिति को समझने में नाकाम रहा है और वह हम पर पार्टी लाइन का उल्लंघन करने का आरोप लगा रहा है। यदि आपके कार्यकर्ताओं और पार्टी समर्थकों की हर रोज हत्या होती है और आपका अस्तित्व दांव पर लग जाता है तो आप राजनीतिक लाइन का क्या करेंगे? 
 
माकपा की राज्य समिति की मंगलवार को हुई बैठक में पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी समेत पोलित ब्यूरो के वरिष्ठ सदस्य मौजूद थे। (भाषा)
 

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