Maharashtra : साइकल चालक की दुर्घटना में मौत, बीमा कंपनी ने परिजन से मांगा ड्राइविंग लाइसेंस, उपभोक्ता आयोग ने सुनाया यह फैसला
Accidental death case : नागपुर में एक उपभोक्ता आयोग ने ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को उस व्यक्ति के परिजन को 3 लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया, जिसकी मौत साइकल चलाने के दौरान एक मोटरसाइकल से टक्कर लगने के कारण हो गई थी। बीमा कंपनी ने व्यक्ति के ड्राइविंग लाइसेंस की मांग करते हुए परिजन का दावा खारिज कर दिया था। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने 25 मार्च को पारित अपने आदेश में कहा कि बीमा कंपनी द्वारा की गई ऐसी मांग अनुचित और गैरकानूनी थी। उसने बीमा कंपनी को 9 प्रतिशत ब्याज अदा करने को भी कहा।
नागपुर निवासी विजय ढोबले एक अक्टूबर 2012 को गंभीर रूप से घायल हो गए थे जब उनकी साइकल को एक मोटरसाइकल ने टक्कर मार दी। बाद में, चोटों के चलते उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। ढोबले ने इंश्योरेंस कंपनी से तीन लाख रुपए का बीमा कराया था। ढोबले की मौत के बाद, उसकी पत्नी प्रमिला ने बीमा कंपनी से संपर्क किया। लेकिन दावा खारिज कर दिया गया जिसके चलते उसने आयोग का रुख किया।
आयोग ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि बीमा कंपनी ने प्रमिला का दावा यह कहते हुए खारिज किया था कि उसने अपने पति का दोपहिया वाहन ड्राइविंग लाइसेंस, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और कुछ अन्य दस्तावेज जमा नहीं किए। सुनवाई के दौरान, महिला के वकील ने हैरानगी जताई कि कंपनी ढोबले का ड्राइविंग लाइसेंस कैसे मांग सकती है जबकि वह दुर्घटना के वक्त साइकल चला रहा था। वकील ने आयोग को यह भी बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पुलिस के पास थी।
आयोग के प्रमुख सचिन शिम्पी और सदस्य बीबी चौधरी ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस नहीं सौंपने के आधार पर दावा खारिज किया जाना अनुचित और गैरकानूनी है। उन्होंने बीमा कंपनी को मृतक की पत्नी को तीन लाख रुपए अदा करने और दावे से जुड़े दस्तावेज प्राप्त करने की तारीख 30 जनवरी 2014 से नौ प्रतिशत ब्याज देने का निर्देश दिया। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour