डीजीजीआई के अतिरिक्त निदेशक (नागपुर क्षेत्रीय इकाई) प्रदीप गुरुमूर्ति ने एक बयान में कहा कि फर्जी बिल और सिर्फ कागजों पर मौजूद इकाइयों के खिलाफ जारी अभियान के तहत सूचना मिली थी। सूचना में कहा गया था कि नागपुर में एक इकाई ने जीएसटीआईएन प्राप्त किया है। यह सिर्फ कागज पर है और उसके जरिए सैकड़ों करोड़ के लेनदेन किए गए।
इकाई देश में विभिन्न स्थानों पर कार्य अनुबंध सेवाएं प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्थानों पर तलाशी अभियान चलाए गए। इससे पता चला कि जीएसटीआईएन केवल कागजों पर हैं। इस इकाई की तरफ से जीएसटी पंजीकरण हासिल करने और इस इकाई का अस्तित्व नहीं होने को छिपाने के लिए फर्जी हस्ताक्षर के साथ फर्जी दस्तावेज अपलोड किए गए।
अधिकारी ने कहा कि इस फर्जी इकाई के निदेशक का पता रायपुर में चला... उसे सीजीएसटी (केंद्रीय माल एवं सेवा कर) कानून, 2017 की धारा 69 के तहत नागपुर में गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया और उसे आठ दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।(भाषा)