मंदाकिनी नदी के किनारे लगने वाले गधे मेले में इस बार करीब 12 हजार गधे आए। विभिन्न नस्लों के इन गधों की कीमत 5 हजार से लेकर सवा लाख रुपए तक रही। गधा व्यापारियों ने जांच परख कर इन जानवरों की खरीददारी की। तीन दिनों के दौरान करीब 8 हजार गधे बिक गए जिससे इस मेले में करीब 12 करोड़ रुपयों का कारोबार हुआ, जो पिछली दीपावली के व्यापार से लगभग 2 करोड़ रुपए ज्यादा रहा है।
दिलचस्प है कि यहां हर साल लगने वाले दीवाली मेले में एक ओर धर्म और आध्यात्म से जुडी गतिविधियों का बोलबाला रहता है, वहीं दूसरी ओर इस अवसर पर यहां लगने वाला गधा मेला भी लोगों के लिए कौतूहल का विषय होता है।
चित्रकूट में लगने वाला यह गधा मेला जहां गधे का व्यापार करने वालों के लिए मुनाफा कमाने का अवसर लेकर आता है, वहीं विभिन्न क्षेत्रों से आए गधों को भी एक-दूसरे से मिलने मिलाने का मौका देता है। यहां गधे भी आपस में अपनी बिरादरी का दुःख-दर्द बांटते नजर आते हैं।
फाइल फोटो