सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गई है, लेकिन यहां कभी कभी वे लोग भी चर्चा में आ जाते हैं, जिनके अस्तित्व पर भी सवाल है। ऐसा ही कुछ दोपदी सिंघार नामक फेसबुक अकाउंट के साथ हो रहा है।
दोपदी सिंघार के पेज पर कई कविताएं हैं जो शेयर की जा रही हैं, पसंद की जा रही हैं, लेकिन इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई कि वास्तव में इस नाम की कोई कवयित्री हैं भी कि नही? फेसबुक पेज पर उनके बारे में परिचय लिखा है ''कवि हूं, आदिवासी हूं, संघर्षों भरी अपनी कथा है." प्राइवेट स्कूल में टीचर। आलीराजपुर में स्कूल और बस्तर विश्वविद्यालय में पढ़ाई हुई है।
फेसबुक पर दोपदी सिंघार की कविताएं पसंद करने वाले जाने माने लोग भी मानते हैं कि उन्होंने दोपदी सिंघार का नाम कभी नहीं सुना और न ही उनकी कोई किताब आज तक देखी। हालांकि वे दोपदी सिंघार नाम से प्रकाशित कविताओं की तारीफ कर रहे हैं। सोशल मीडिया भी अजीब प्लेटफॉर्म है। यहां बिना किसी तस्दीक के वह भी रातोंरात चर्चा पा सकता है, जिसके होने पर भी बहुत बड़ा सवाल हो।