ED ने स्कूल भर्ती घोटाले में तृणमूल विधायक को गिरफ्तार किया, राजनीतिक विवाद गहराया
सोमवार, 25 अगस्त 2025 (23:37 IST)
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पश्चिम बंगाल में स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में छापेमारी के दौरान नाटकीय घटनाक्रम के बाद तृणमूल कांग्रेस के विधायक जीवन कृष्ण साहा को गिरफ्तार कर लिया। राज्य में 2026 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस गिरफ्तारी को लेकर नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।
साहा को बाद में कोलकाता लाया गया और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें 30 अगस्त तक छह दिन की ईडी की रिमांड पर भेज दिया। अधिकारियों ने कहा कि बुरवान से विधायक ने कथित तौर पर एक चारदीवारी फांदकर भागने की कोशिश की और उन्हें एक नजदीकी खेत से पकड़ लिया गया।
सोशल मीडिया पर वायरल घटना के वीडियो में देखा गया कि पूरी तरह भीगे नेता के कपड़े कीचड़ से सने हुए थे और उन्हें ईडी तथा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान ऐसी जगह से ले जा रहे थे जहां कूड़ा-कचरा पड़ा हुआ था। जांचकर्ताओं ने दावा किया कि सबूत नष्ट करने के लिए साहा ने अपने दो मोबाइल फोन अपने घर के पीछे तालाब में फेंक दिए।
ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि विधायक को जब छापे के बारे में पता चला तो उन्होंने कथित तौर पर अपने घर की चारदीवारी फांदकर भागने की कोशिश की। हमारे अधिकारियों और केंद्रीय बल के कर्मियों ने विधायक का पीछा किया और नजदीक के एक इलाके से उन्हें पकड़ लिया। जब उन्हें पकड़ा गया तो वह पूरी तरह कीचड़ में सने हुए थे।
उन्होंने बताया कि एजेंसी बीरभूम में उनके निजी सहायक के आवास पर भी तलाशी ले रही है। उन्होंने कहा कि हमारे अधिकारियों ने तालाब से दोनों मोबाइल फ़ोन बरामद कर लिए हैं। दोनों उपकरणों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। विधायक से पूछताछ जारी है।
ईडी अधिकारी ने कहा कि रघुनाथगंज में विधायक के रिश्तेदारों और बीरभूम में उनके निजी सहायक के आवासों पर एक साथ छापे मारे गए। विधायक को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एजेंसी के साथ सहयोग न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इस घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए साहा को 2023 में गिरफ्तार किया था और बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था। ईडी के वकील ने कहा कि हमने 6 दिन के लिए उनकी हिरासत मांगी थी। अदालत ने इसे मंजूर कर लिया।
ईडी का धन शोधन का मामला सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी से उत्पन्न हुआ है, जिसे कलकत्ता उच्च न्यायालय ने समूह सी और डी कर्मचारियों, कक्षा 9 से 12 तक के सहायक शिक्षकों और प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच करने का निर्देश दिया था।
इससे पहले ईडी ने इस मामले में पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी कथित सहयोगी अर्पिता मुखर्जी, तृणमूल विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के अलावा कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था।
ताजा गिरफ्तारी ने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक वाकयुद्ध को तेज कर दिया है। तृणमूल कांग्रेस ने 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले प्रतिशोध की राजनीति का आरोप लगाया, जबकि भाजपा ने दावा किया कि गिरफ्तारियां साबित करती हैं कि सत्तारूढ़ पार्टी और भ्रष्टाचार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
तृणमूल कांग्रेस ने कहा, भाजपा ई2 नीति पर चलती है! पहला 'ई', निर्वाचन आयोग, नागरिकों से उनके मताधिकार छीनने के लिए एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। अगर वह विफल हो जाता है, तो दूसरा 'ई', ईडी एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
इसने एक्स पर कहा, जैसा कि हमारे संसदीय दल के नेता श्री अभिषेक बनर्जी ने उजागर किया है, 130वें संविधान संशोधन विधेयक का उद्देश्य भ्रष्टाचार से लड़ना नहीं है। इसका एकमात्र उद्देश्य विपक्ष को कुचलना है। यह छद्म तानाशाही है।
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयप्रकाश मजूमदार ने आरोप लगाया कि ईडी भाजपा के इशारे पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, उन्हें (साहा को) पहले भी गिरफ्तार किया गया था और महीनों तक हिरासत में रखा गया था, लेकिन कुछ भी साबित नहीं हुआ। चुनाव से ठीक पहले ईडी ने उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया है। यह बदले की राजनीति के अलावा और कुछ नहीं है।
भाजपा ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि गिरफ्तारियां केवल वही बात पुष्ट करती हैं जो घोटाले के तहत नौकरी से वंचित अभ्यर्थी लंबे समय से कह रहे थे। भाजपा के प्रदेश महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने कहा कि तृणमूल और एसएससी घोटाला एक दूसरे के पर्याय हैं। छात्रों का भविष्य बर्बाद करने वालों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जाना चाहिए? पार्टी और भ्रष्टाचार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। पश्चिम बंगाल में पहले ही एसएससी घोटाले का मुद्दा सुर्खियों में है, जिसमें कई हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। भाषा Edited by : Sudhir Sharma