खबरों के अनुसार, तेज प्रताप यादव के खिलाफ चुनाव आयोग के निर्देश पर रोसड़ा थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। तेजप्रताप के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125 क के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
साल 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान तेज प्रताप ने शपथ पत्र देकर अपनी संपत्ति का जो ब्योरा दिया था, वह गलत निकला है। चुनाव आयोग ने आवेदन पत्र में लगाए गए आरोपों की जांच के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को निर्देश दिया था।