सांकेतिक फोटो
कुमाऊं/गढ़वाल। उत्तराखंड में पिछले छह दिनों से जंगली में लगी आग ने अब विकराल रूप धारण कर लिया है। उसने आगे बढ़ते हुए अब अल्मोड़ा, बागेश्वर और चम्पावत के अलावा नैनीताल के भीमताल में भी कहर बरपाना शुरू कर दिया है।
खबरों के मुताबिक, उत्तराखंड के जंगलों में पिछले छह दिनों से लगी आग ने अब आगे बढ़ते हुए भीमताल और भवाली के बीच मेहरा गांव और मनकोट-बुडघूना के जंगलों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। चम्पावत की देवीधुरा रेंज में लगातार दो दिनों से सैकड़ों एकड़ जंगल जलकर खाक हो गए हैं। लोगों का धुएं से जीना मुश्किल हो गया है।
चीड़ के जंगलों में इतनी भीषण आग लगी है कि वन विभाग आग बुझाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुआ है। आग के कारण टिहरी, खिर्सू, चकराता, उत्तरकाशी, श्रीनगर हरिद्वार के जंगल चार दिनों से जल रहे हैं। जिससे लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
सबसे ज्यादा दिक्कत आग के धुएं से हो रही है। पोखरी, डांग गांव भी इसकी चपेट में हैं और गंगोत्री हाईवे के पास शनिवार शाम से आग फैली हुई है। वहीं क़स्बा नजदीक होने के कारण स्थानीय लोगों में भय का माहौल बना हुआ। साथ ही गंगोत्री हाईवे पर आवाजाही कर रहे वाहनों को भी खतरा बना हुआ है। वन विभाग के कर्मचारी आग बुझाने का प्रयास तो कर रहे हैं, लेकिन वन विभाग में संसाधनों की कमी साफ़ देखने को मिल रही है।