शर्मिला ने कहा, ‘मैं और मेरे पति दोनों बेरोजगार हैं। हम दो बेटियों का पालन-पोषण कर रहे हैं। मैं पिछले आठ-दस सालों से नौकरी ढूंढ रही थी और जब मुझे इस खाली सीट का पता चला तो मैने आवेदन दे दिया और मुझे नौकरी मिल गई।’ शर्मिला बुधवार को रेवाड़ी डिपो में ज्वाइन करने के बाद अपनी ड्यूटी कर रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं अब बहुत खुश हूं। मुझे लोगों से अच्छा सहयोग और सम्मान प्राप्त हो रहा है। मैं जो कुछ कर रही हूं, लोग उसकी प्रशंसा करते हैं।’ उन्होंने गर्व से कहा, ‘मैं हरियाणा की पहली महिला कंडक्टर हूं। मैं यह नौकरी पाकर खुश हूं। मैंने तीन दिन पहले ड्यूटी ज्वाइन की और टिकट बेचने से संबंधित ज्यादातर चीजें सीख गई हूं।’
शर्मिला उन दो महिलाओं में एक है, जिनकी बस संचालक के रुप में भर्ती की गई है। दूसरी महिला निर्मला रानी है। उसने सिरसा-ऐलनाबाद मार्ग पर ड्यूटी ज्वाइन की। इससे पहले इसी साल 30 वर्षीय अर्चना करनाल सिटी बस सेवा की पहली और एकमात्र महिला ड्राइवर बनी थीं।