आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि करीब 3 से 4 व्यक्तियों के मलबे में फंसे होने का संदेह है। दोपहर में जब फ्लाईओवर का हिस्सा धराशायी हुआ तो करीब 15 मजदूर काम कर रहे थे, जो उसके नीचे दब गए। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने घटना पर दुख व्यक्त किया और मृतक के परिजनों के लिए 5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि और घायलों के मुफ्त इलाज की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि दोषी पाए गए व्यक्तियों को कड़ी सजा मिलेगी। राजस्व मंडल आयुक्त (आरडीसी), केंद्रीय डिविजन एबी ओत्ता ने बताया कि 39 वर्षीय उद्यमी सत्य पटनायक (39) की मृत्यु हो गई। जब फ्लाईओवर धराशायी हुआ तो वे अपनी पुत्री शीतल के साथ उसके नीचे थे।
आरडीसी ने कहा कि पटनायक की पुत्री गंभीर रूप से घायल हो गई और उसे एम्स, भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया है। बाकी घायलों को कैपिटल अस्पताल, एम्स और अन्य विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। पुलिस, दमकल की गाड़ियां और ओडिशा आपदा मोचन बल (ओडीआरएएफ) के कर्मी बचाव अभियान में लगे हुए हैं। इस कार्य में जेसीबी मशीनें भी लगाई गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फ्लाईओवर गिरने के बाद 2 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया है। लोक निर्माण सचिव एनके प्रधान ने कहा कि मैंने इस मामले में पहले ही जांच का आदेश दे दिया है। यह ठेकेदार की ओर से निश्चित रूप से एक बड़ी गलती है। काम पांडा इंफ्रास्ट्रक्चर को सौंपा गया था। उन्होंने कहा कि दोषी पाए गए व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रधान ने कहा कि मलबे में फंसे लोगों को बचाना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि फ्लाईओवर परियोजना ‘रोड्स एंड बिल्डिंग डिवीजन-4’ के अधीन था।