भारत में पहली बार लद्दाख के पैंगोंग स्तो लेक में 'फ्रोजन लेक मैराथन' का आयोजन 20 फरवरी को होने जा रहा है। 21 किलोमीटर की यह मैराथन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए तैयार है। भारतीय सेना एवं भारत-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) को इस इवेंट के लिए 'उचित एक्शन प्लान' को लागू करने के लिए कहा गया है। यह आयोजन 13,862 फीट की ऊंचाई पर होगा।
13,862 फीट की ऊंचाई पर होने जा रही यह 'फ्रोजन लेक मैराथन' इस हाई एल्टीट्यूड पर होने वाली पूरे विश्व में सबसे पहली बार होगी। वे विश्व की सबसे ऊंची ''फ्रोजन लेक मैराथन'' के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा सकते हैं।
21 किलोमीटर की यह मैराथन, लुकुंग से शुरू होकर मान गांव में जाकर खत्म होगी। इस मैराथन रन में चुनिंदा 75 भारतीय एवं विदेशी एथलीट्स भाग लेंगे। यह मैराथन एडवेंचर स्पोर्ट्स फाउंडेशन ऑफ लद्दाख (ASFL), लद्दाख ऑटोनोमस हील डेवलपमेंट काउंसिल (लेह), टूरिज्म डिपार्टमेंट और लेह डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन के कोलेबोरेशन के साथ मिलकर आयोजन किया जा रहा है।
दरअसल, सर्दियों में 700 स्क्वेयर किलोमीटर में फैली पैंगोंग लेक का पारा माइनस 30 डिग्री सेल्सियस के तापमान तक पहुंच जाता है जिसकी वजह से खारे पानी की यह झील पूरी तरह जम जाती है। पैंगोंग लेक 4,350 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यह विश्व की सबसे ऊंचे खारे पानी की लेक है। इस लेक का एक तिहाई हिस्सा भारत में एवं दो तिहाई चीन में है।