लेखक कलबुर्गी को उनके घर के सामने ही गोली मारी गई थी। गौरी के मामले में भी ऐसा ही हुआ। जब वे घर में घुस रही थीं तभी उन्हें ताबड़तोड़ गोलियां मारी गईं। ऐसी भी जानकारी की है कि गौरी की हत्या में 0.22 एमएम की पिस्तौल का उपयोग किया गया। इसी तरह कलबुर्गी हत्याकांड में इसी तरह की पिस्तौल का उपयोग किया था।