चंडीगढ़। सिरसा में डेरा सच्चा सौदा परिसर में रहकर पढ़ाई कर रही एक लड़की के परिवार वालों ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बलात्कार के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद से उसके लापता होने का दावा किया है।
हरियाणा के तिवाला में रहने वाले परिवार ने दावा किया कि वे 2008 से श्रद्धा से संपर्क में नहीं थे। उसके रिश्तेदार परिमंदर सिंह अपने साथी गांववालों के साथ सिरसा में उसे तलाशने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि आखिरी बार उन्हें श्रद्धा के बारे में डेरा की तरफ से निकाली जाने वाली एक पत्रिका में जानकारी मिली थी जिसमें उसे एक योगाभ्यास करने वाला बताया गया था।
सिंह ने कहा कि साहे बेटियां बसेरा (नाबालिग लड़कियों के लिए आश्रय गृह) की संरक्षक पूनम ने कहा कि डेरा प्रमुख (गुरमीत राम रहीम) को दोषी ठहराए जाने के बाद श्रद्धा डेरा छोड़कर चली गई थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने सच्चा सौदा के दूसरे पदाधिकारियों से भी संपर्क करने की कोशिश की।
28 अगस्त को सीबीआई की विशेष अदालत ने दो महिला अनुयायियों के बलात्कार के लिए राम रहीम को 20 साल की कैद की सजा सुनाई थी।
सिंह ने आरोप लगाया, 'श्रद्धा को पढ़ाई के लिए लंबे समय पहले डेरा में डाल दिया गया था। 2008 में हमने उससे मिलने की कोशिश की लेकिन डेरा कर्मियों ने हमें मिलने नहीं दिया।' उन्होंने कहा कि मैंने डेरा के पदाधिकारियों से उनके मोबाइल फोन पर संपर्क करने की कोशिश की लेकिन यह पूरी कवायद विफल रही।
सिंह ने कहा कि क्योंकि डेरा के आसपास कर्फ्यू लगा है, ऐसे में अंदर जाना भी बेहद मुश्किल है। डेरा संचालित ‘साहे बेटियां बसेरा’ में करीब 29 लड़कियां रह रही थीं।
सिरसा के उपायुक्त प्रभजोत सिंह ने इससे पहले कहा था कि 18 नाबालिग लड़कियों ने कहा कि वे खुश हैं और बाहर नहीं जाना चाहतीं। लेकिन हमने डेरा प्रबंधन को रजामंद किया और उनकी मदद से लड़कियों को बाहर ले आए। अधिकारियों ने बताया कि इन लड़कियों को सोनीपत सहित हरियाणा में अलग अलग जगहों पर किशोर सुधार गृहों में भेज दिया गया।
श्रद्धा के परिवार के जैसे ही दिल्ली में रहने वाले सुचेतना और अपार के परिवारवाले भी उनके लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। (भाषा)