यहां दफन है लाखों टन सोना, पढ़ें इस गुफा का रहस्य

राजगीर। भारत में ऐसी कई जगह हैं, जो खजानों को लेकर सुर्खियों में रही हैं। सोने के खजाने से जुड़ा ऐसा ही एक मामला बिहार के 'सोन भंडार गुफा' से जुड़ा है, जिसमें लाखों टन सोना छिपा हुआ है। यह गुफा बिहार के छोटे से शहर राजगीर में है।
ऐसा माना जाता है कि मौर्य शासक बिंबिसार ने अपने शासनकाल में राजगीर में एक बड़े पहाड़ को काटकर अपने खजाने को छुपाने के लिए गुफा बनाई थी। इस कारण इस गुफा का नाम पड़ा था सोन भंडार। इस गुफा के बारे में कहा जाता है कि सोने को सहेजने के लिए इस गुफा को बनवाया गया था। पूरी चट्टान को काटकर यहां पर दो बड़े कमरे बनवाए गए थे। गुफा के पहले कमरे में जहां सिपाहियों के रुकने की व्यवस्था थी। वहीं, दूसरे कमरे में खजाना छुपा था।
 
दूसरे कमरे को पत्थर की एक बड़ी चट्टान से ढंका गया है। जिसे आज तक कोई नहीं खोल पाया। इस तरह की गुफाएं हमेशा से ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रही हैं। सोन भंडार गृह के पास ही उस प्रकार की और भी गुफाएं हैं। इन गुफाओं के कमरे भी सोन भंडार गुफा की तरह ही बनाए गए हैं।
दोनों ही गुफा तीसरी और चौथी शताब्दी में चट्टानों को काटकर बनाई गई हैं। इन गुफाओं के कमरों को पॉलिश किया गया है। इस तरह की गुफा देश में कम पाई जाती हैं।
 
भारत में बहुत से ऐसे गुफा मंदिर हैं, जिन्हें असाधारण कृतियों के लिए जाना जाता है। इस जगह पर जैन धर्म के अवशेष भी देखने को मिलते हैं। यहां पर दूसरी ओर बनी गुफा में 6 जैन धर्म तीर्थंकरों की मूर्तियां भी चट्टान में उकेरी गई हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि यहां पर जैन धर्म के अनुयायी भी रहे थे।
 
तोप से उड़ाने की कोशिश भी हुई थी नाकाम... पढ़ें अगले पेज पर...
 

लाख कोशिशों के बाद भी अंग्रेज चट्टानों से ढंके इस गुफा को नहीं खोल पाए थे। यहां तक की उन्होंने गुफा पर तोप के गोले भी दागे, लेकिन वे इसमें भी नाकामयाब रहे थे। आज भी इस गुफा पर उस गोले के निशान देखे जा सकते हैं। आखिरकार अंग्रेजों को वहां से खाली हाथ ही वापस लौटना पड़ा था।
 
अंदर है 10 मीटर लंबा चट्टान का कमरा : सोन भंडार गुफा में अंदर प्रवेश करते ही 10.4 मीटर लंबा चौड़ा और 5.2 मीटर चौड़ा कमरा है। इस कमरे की ऊंचाई लगभग 1.5 मीटर है। यह कमरा खजाने की रक्षा करने वाले सैनिकों के लिए बनाया गया था। इसी कमरे के दूसरी ओर खाजाने का कमरा है।
 
शंख लिपि में लिखा है कमरे को खोलने का राज : मौर्य शासक के समय बनी इस गुफा की एक चट्टान पर शंख लिपि में कुछ लिखा है। इसके संबंध में यह मान्यता प्रचलित है कि इसी शंख लिपि में इस खजाने के कमरे को खोलने का राज लिखा है। (news18.com से)

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