वाईटीपीएस के नौकरी से निकाले गए अनुबंधित कर्मचारी कुमारस्वामी को ज्ञापन देना चाहते थे और बकाया वेतन के भुगतान की मांग को लेकर रास्ता रोको आंदोलन कर रहे थे। वाईटीपीएस से 410 अनुबंधित कर्मचारियों को निकाला गया है और वह फिर से नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने हालांकि आंदोलनरत कर्मचारियों से ज्ञापन ले लिया और न्याय दिलाने का भरोसा दिया किंतु कर्मचारियों ने ने लगातार रास्ता रोके रखा और नारेबाजी की, जिससे कुमारस्वामी नाराज हो गए।
मुख्यमंत्री खासे नाराज दिखे और कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन करने के और भी रास्ते हैं, क्या आप इस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आंदोलन करेंगे? मैं मुख्यमंत्री हूं। लोकतंत्र के तहत आपके पास अधिकार है, मैं शांतिपूर्ण आंदोलन का विरोध नहीं करूंगा किंतु इस तरह का व्यवहार सहन नहीं किया जा सकता। मैंने आपका ज्ञापन ले लिया है और समस्या के निदान का आश्वासन भी दिया है।