सत्तर वर्षीय हेमामालिनी ने गणेश वंदना से नृत्य की शुरुआत की। इसके बाद 'वंशी विभूषित कराल' श्लोक और 'मधुराष्टकम' के पदों पर आधारित भारतीय शास्त्रीय शैली में नृत्य प्रस्तुति दी। उन्होंने महाकवि जयदेव के 'गीत गोविंद' के 'यमुना तीरे धीर समीरे हसत खेल वनमाली...' के बोलों और राधारमण हरि बोल के संकीर्तन पर भावमय नृत्य कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस मौके पर ठा. राधारमण लाल का बंगला सजाया गया था और उनकी विशेष भोग सेवा की गई। नृत्य प्रस्तुति से पूर्व मंदिर के सेवायत शरदचंद्र गोस्वामी, अभिषेक गोस्वामी ने हेमामालिनी का स्वागत किया। इस अवसर पर मथुरा के जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्रा भी मौजूद रहे।