राज्यसभा में मंगलवार को इस संबंध में लाए गए विधेयक पर जब मत विभाजन हो रहा था, उसी समय मथुरा के कोसीकलां कस्बे के कृष्णा विहार मोहल्ला निवासी जुमरत को हरियाणा निवासी उसका पति इकराम सुलहनामे के प्रयासों के दौरान थाने के गेट पर ही 3 बार तलाक बोलकर चला गया था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शलभ माथुर ने बताया कि इस घटना के बाद पीड़िता की मां ने शिकायती पत्र देकर पुलिस से न्याय की गुहार लगाई थी। उसका आरोप है कि उसने ढाई वर्ष पूर्व अपनी 2 बेटियों जुमरत और सन्नो का निकाह मेवात जिले के गांव चैखा थाना पिनगवां निवासी इकराम और उसके छोटे भाई के साथ किया था। जुमरत को तो तभी विदा कर दिया गया था जबकि सन्नो छोटी होने के कारण मायके में रह रही थी।
उन्होंने बताया कि आरोप है कि शादी के बाद से ही इकराम व उसके घर वाले दहेज में 1 लाख रुपए की मांग करने लगे थे और रुपए न मिलने पर जुमरत को प्रताड़ित कर रहे थे इसलिए कुछ समय पूर्व जुमरत ससुराल से आकर मायके में ही रहने लगी। 1 सप्ताह पूर्व ही उसने पति के खिलाफ दहेज के लिए मारने-पीटने व प्रताड़ित करने का मुकदमा कोसीकलां थाने में दर्ज कराया गया था।
दोनों पक्षों के लोगों को सुलहनामे के लिए जिला मुख्यालय स्थित महिला थाने पर मंगलवार को बुलाया गया था। 4 घंटे की जद्दोजहद के बाद भी मामला नहीं निपटा बल्कि इकराम धमकी दे गया कि जब तक जुमरत उसे 1 लाख रुपया नहीं देगी, वह उसे घर में नहीं घुसने देगा। इसके बाद उसने थाने के गेट पर ही 'तलाक-तलाक-तलाक' बोला और चला गया।
एसपी (सिटी) अशोक कुमार मीणा ने बताया कि बुधवार को तीन तलाक के खिलाफ कानून बन जाने के बाद शिकायत मिलने पर मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 एवं भादंवि की धारा 323, 504 और 3/4 के तहत दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।