इंदौर। वहाँ सुर, ताल, लय, थाप, थिरकन, राग और रुनझुन स्वर थे। साँसों पर संतुलन, हाथों का नियंत्रण और स्वरों का अनुशासन था। एक अद्भुत युगलबंदी, अनूठा सामंजस्य और विलक्षण तालमेल था। इंदौर म्यूजिक फेस्टिवल का पहला दिन जिस तरह संगीत के समस्त तत्वों में सराबोर हुआ उससे लगा कि जैसे वसंत पंचमी दो दिन पूर्व आ गई हो।
वह महाराष्ट्र के सांगली जिले से हैं और 12 साल की उम्र में ही उन्होंने गायन सीखना शुरू कर दिया था। वे अब तक देश के कई ख्यातनाम संगीत समारोह में शिरकत कर चुकी हैं। मंजूषा ठुमरी, भजन, नाट्य संगीत और खासतौर से अपनी ख़्याल गायकी के लिए जानी जाती है।
28 को ये कलाकार देंगे प्रस्तुति : मंगलवार को ख्यातनाम शास्त्रीय गायक उस्ताद राशिद खान अपनी प्रस्तुति देंगे। राशिद खान शास्त्रीय संगीत की दुनिया में एक बड़ा नाम हैं। वे रामपुर सहास्वान घराने से आते हैं। हालांकि फिल्म 'जब वी मेट' के गीत ‘आओगे जब तुम हो साजना’ के बाद वे आम लोगों के भी पंसदीदा हो गए।
मंगलवार को शहर के गौतम काले, पवन सेम, विवेक बंसोड, विजय घाटे, अजय जगलेकर, मुराद अली, अरमान खान और नागेश अडगांवकर की प्रस्तुति होगी।
आईएमएफ क्यों है खास : अपनी शास्त्रीय परंपरा की गायिकी और संस्कार में विशेष स्थान रखने वाला इंदौर म्यूजिक फेस्टिवल (आईएमएफ) इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें अब तक हरिप्रसाद चौरसिया, बेगम परवीन सुल्ताना, पंडित विश्वमोहन भट्ट, मामे खां, साबरी ब्रदर्स, अहमद हुसैन-मोहम्मद हुसैन इसमें अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं। उस्ताद जाकिर हुसैन तो इसी आयोजन की वजह से 15 साल के अंतराल के बाद इंदौर आए थे