मुख्य अतिथि डीसीपी (यातायात ) श्री मनीष अग्रवाल ने कहा कि यातायात व्यवस्था की शिकायतें बहुत लोग करते हैं लेकिन समाधान के बारे में कोई नहीं सोचता। कायदे से लेफ्ट टर्न पर गाड़ी पार्क नहीं कर सकते लेकिन जनता करती है और उसी जनता का एक हिस्सा परेशानी उठना है। कई बार जाम लगता है तो केवल एक व्यक्ति की गलती की वजह से। ऐसे में बैठे-बैठे पुलिस का इंतजार करने के बजाय किसी एक को गाड़ी से उतर कर भी यातायात व्यवस्थित करने की पहल करनी चाहिए।
मनीष जी ने बताया कि किसी भी घायल को समय पर अस्पताल ले जाना भी जनता का दायित्व है ना कि मोबाइल पर वीडियो बनाना। आपने बताया कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत गुड सेमेटेरियन में जो व्यक्ति घायल को अस्पताल ले जाएगा उसे सरकार के द्वारा 5000 के पुरस्कार के साथ गोल्डन आवर सर्टिफिकेट भी प्राप्त होता है। लोगों में जागरूकता बढ़ाना ही इसका मकसद है ताकि घायल की मृत्यु इस वजह से न हो कि उसे समय पर मदद नहीं मिली।
इस अवसर पर परिषद के जो सदस्य यातायात प्रबंधन सेवा से जुड़े हैं, उन्हें भी सम्मानित किया गया- जिनमें महेंद्र गर्ग, आशीष नागर व विपिन गर्ग थे। उन्होंने अपने लक्ष्य सुखद, सुरक्षित व सुगम यातायात के बारे में जानकारी दी।