मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को प्रदेश के प्रस्तावित विभिन्न मास्टर प्लानों को शीघ्रता से पूर्ण करने, शहरों की धारण क्षमता का वैज्ञानिक आंकलन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने एवं विभागीय नोडल जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से निर्धारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि शहरी क्षेत्रों में निर्माण कार्य केवल प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत नक्शों के अनुरूप ही कराए जाएं। भवनों व हाउसिंग सोसायटी निर्माण में वॉटर हार्वेस्टिंग और हरित क्षेत्र को अनिवार्य रूप से सम्मिलित किया जाए।
एकीकृत पंचायत भवनों का निर्माण : मुख्यमंत्री ने शासकीय आवास पर पंचायतीराज विभाग की बैठक में अधिकारियों को 'एकीकृत पंचायत भवनों' का निर्माण करते हुए ऐसी समेकित व्यवस्था विकसित करने के निर्देश दिए जहां ग्रामीणों को सभी आवश्यक सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध हों। साथ ही प्रत्येक ग्राम सभा की स्थापना दिवस तय करते हुए उसका वार्षिक कैलेंडर तैयार किया जाए, ताकि ग्राम स्तरीय पहचान और उत्सव की भावना को प्रोत्साहन मिल सके।
नव-निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों एवं ग्राम सचिवों को आधुनिक तकनीक, वित्तीय प्रबंधन तथा लोक प्रशासन की प्रणाली से संबंधित नियमित और व्यवस्थित प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। साथ ही, सभी पंचायतों में ई-गवर्नेंस को सक्रिय रूप से लागू करने और पंचायत स्तर पर सभी योजनाओं की रीयल टाइम मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।