Inspiring story : Lockdown में इंटीरियर का धंधा हुआ चौपट, डेयरी फॉर्मिंग शुरू की, बेचा 7 लाख का दूध-घी
स्टोरी एवं फोटो : वृषिका भावसार
कोरोनावायरस (Coronavirus) काल में लॉकडाउन (Lockdown) के चलते कई लोगों के धंधे चौपट हो गए। इन्हीं में से एक हैं अहमदाबाद के इंटीरियर डिजाइनर चेतन पटेल। लॉकडाउन में इंटीरियर का धंधा पूरी तरह चौपट हो गया। निराश भी हुए, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। पूरे साहस से चुनौतियां का सामना किया और एक अलग ही धंधा खड़ा कर दिया और कामयाब भी हुए।
चेतन बताते हैं कि अहमदाबाद में उनका कारोबार बढ़िया चल रहा था, लेकिन लॉकडाउन में सबकुछ चौपट हो गया। मैंने हिम्मत नहीं हारी। नया धंधा शुरू करना बड़ी चुनौती होती है, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। मित्र की सलाह पर अपने गांव में डेयरी फॉर्मिंग की शुरुआत की। चेतन पटेल की मेहनत रंग लाई और पहले ही साल में उन्होंने 7 लाख रुपए का घी और दूध बेचा।
वे कहते हैं कि डेयरी फॉर्मिंग की शुरुआत से पहले गायों के संबंध में काफी जानकारी जुटाई। गिर नस्ल की गायों के साथ गोशाला की शुरुआत की। शुरुआत में हम आसपास के इलाकों में दूध बेचने लगे। धीरे-धीरे लोगों को हमारे काम के बारे में पता लगा। फिर हमें उनकी तरफ से ऑर्डर मिलने लगे। हम हर दिन सुबह-शाम ग्राहकों तक दूध पहुंचाने लगे। अभी हम अहमदाबाद शहर में दूध की डिलीवरी कर रहे हैं। चेतन महीने करीब 3 हजार लीटर दूध बेचते हैं। अभी उनके पास गिर नस्ल की 25 गायें हैं।
चेतन ने बताया कि ग्राहकों से हमें अच्छा रिस्पांस मिला। दूध के साथ हमने घी भी बनाना शुरू किया। चेतन के इस काम में उनके परिवार के लोग भी पूरा सहयोग करते हैं। उनके बच्चे भी गायों के साथ वक्त बिताते हैं। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद में इन गायों का दूध 100 रुपए प्रति लीटर बिकता है। देसी घी की कीमत प्रतिकिलो 2400 रुपए के आसपास है। वे हर महीने करीब 30 लीटर ऑर्गेनिक घी की भी डिलीवरी कर रहे हैं। गायों की देखभाल भी वे अच्छी तरह से करते हैं। गायों के लिए ऑटोमेटिक पानी की टंकी भी लगा रखी है, जो खाली होने के बाद अपने आप भर जाती है।