श्रीनगर। एक दिन की शांति के बाद पाक सेना द्वारा कठुआ और सांबा सेक्टरों में सीमावर्ती चौकियों को निशाना बना कर एक बार फिर भीषण गोलीबारी करके संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया है। नतीजतन माहौल दहशतजदा होने से अन्य क्षेत्रों से भी लोगों ने पलायन आरंभ कर दिया है।
पाक गोलीबारी के जवाब में बीएसएफ ने भी कार्रवाई की। अधिकारियों ने बताया कि पाक रेंजर्स ने पाक सेना के साथ मिल कर रविवार को देर रात एक बार फिर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया और सांबा जिले की एक चौकी एवं कठुआ जिले के दो क्षेत्रों में भारी हथियारों से गोलीबारी की।
कठुआ के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने कहा कि रविवार रात से कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित बोबियां और पंसार इलाकों में गोलीबारी हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि गोलीबारी रूक-रूककर हो रही है। जबकि सांबा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनिल मगोत्रा ने कहा कि रविवार रात रामगढ़ सब-सेक्टर की बालार्ड चौकी पर हल्के हथियारों से दो बार गोलीबारी हुई।
उन्होंने यह भी कहा कि सांबा में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास कुल मिलाकर शांति है। बीएसएफ के जवानों ने पाकिस्तान की गोलीबारी का जवाब दिया है। गोलीबारी में किसी की मौत होने या किसी के घायल होने की खबर नहीं है।
बीसियों सीमावर्ती गांव पूरी तरह से खाली करवा दिए गए हैं और लोग सांबा व आसपास में बने राहत शिविरों में पनाह लिए हुए हैं। पिछले तीन दिनों से पाकिस्तान द्वारा लगातार सीमा पर गोलीबारी की जा रही थी, जिससे लोग काफी परेशान हो गए थे। वहीं, जब पाकिस्तान ने रिहायशी क्षेत्रों को अपना निशाना बनाया तो लोग अपना जरूरी सामान लेकर अपने घरों से पलायन करना शुरू हो गए।
इस गोलीबारी में सांबा सेक्टर के मंगूचक में एक महिला की मौत हो गई जबकि आधा दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। रविवार को दिनभर सीमा पर शांति बनी रहने से लोगों ने राहत की सांस तो ली परन्तु अभी भी लोग शिविरों में ही हैं। वहीं, परिवारों के कुछ सदस्य दिन को अपने गांव में गए और वहां पर बंधे मवेशियों के चारा-पानी देने के बाद शाम को शिविरों में लौट आए।
सीमावर्ती क्षेत्र के गांव गलाड़ निवासी कांता देवी ने कहा कि सर्दी में उन्हें कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सोमा देवी, पोली देवी ने कहा वह तो चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच शांति बनी रहे।
नववर्ष की पूर्व संध्या से पाकिस्तान की ओर से जारी संघर्ष विराम उल्लंघन को देखते हुए सीमावर्ती गांवों के निवासियों ने अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना जारी रखा। तीन जनवरी की रात से चार जनवरी की शाम तक पाकिस्तान रेंजर्स की ओर से कोई गोलीबारी नहीं हुई।
सांबा व कठुआ जिलों के सीमांत गांवों से 5500 से अधिक लोग पलायन कर चुके हैं। गोलीबारी के बाद कठुआ के 11 गांवों के लगभग 3500 लोग पलायन कर चुके हैं। 1800 लोग राहत शिविरों में हैं। उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने कहा कि प्रशासन ने इन राहत शिविरों में मूलभूत वस्तुएं उपलब्ध कराई हैं।
शिविर के कमांडर और अधिकारियों को प्रबंधों की देखरेख करने और राहत सुनिश्चित करने के लिए नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि समन्वय के लिए शिविर में रहने वाले लोगों की समितियां भी गठित की गई हैं। रविवार को हुई गोलीबारी में घायल हुए पांच लोगों के परिवारों को पांच-पांच हजार रूपए दिए गए।
सांबा जिले में एक हजार से अधिक लोग चिची माता मंदिर, हाईस्कूल और अन्य इमारतों में बने शिविरों में रखे गए हैं। तीन जनवरी को गोलीबारी में सेना के दो जवान शहीद हो गए थे और एक महिला मारी गई थी। इसमें 11 अन्य घायल हो गए थे। नववर्ष की पूर्व संध्या पर, पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में एक बीएसएफ जवान समेत दो लोग मारे गए थे और नौ लोग घायल हो गए थे। वहीं भारत की ओर से की गई जवाबी गोलीबारी में पांच पाकिस्तानी रेंजर मारे गए।