नई दिल्ली। भाजपा ने अपने पत्ते नहीं खोलने के साथ ही वस्तुत: बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की ओर झुकाव दर्शाते हुए सोमवार को विश्वास जताया कि वह बहुमत सिद्ध करने में सफल होंगे और नीतीश कुमार के खेमे के हाथ ‘निराशा’ ही आएगी।
भाजपा ने यह भी कहा कि बहुमत विधानसभा में सिद्ध करना होगा न कि जदयू दफ्तर में जैसा कि उसके नेता नीतीश कुमार कह रहे हैं। नीतीश पर निशाना साधते हुए पार्टी ने आरोप लगाया कि वह ‘सत्ता के भूखे’ हैं और उनकी इस चाहत का पर्दाफाश हो गया है कि वह केवल एक ‘कठपुतली’ मुख्यमंत्री चाहते थे।
पार्टी के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, ‘हमने अभी कोई निर्णय नहीं किया है लेकिन हमें विश्वास है कि मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, जैसा कि उनके बयानों से लगता है, बहुत विश्वस्त हैं और नीतीश कुमार के खेमें में निराशा नजर आ रही है।’
उन्होंने कहा, ‘बहुमत किसी कमरे या पार्टी कार्यालय में सिद्ध नहीं किया जा सकता है। ऐसा सदन में किया जाना है। इसीलिए मांझी के पास बहुमत है या नहीं, नीतीश कुमार को कितने विधायकों का समर्थन है, ये केवल विधानसभा में साबित किया जाएगा न कि पार्टी कार्यालय में। मुख्य विपक्षी दल के नाते यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम स्थिति पर नजर रखें।’
इस बीच मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के अपनी पार्टी के निर्देश का पालन नहीं करने पर जदयू ने मांझी को ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ के आरोप में निष्कासित कर दिया है। (भाषा)