पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में राजग की सरकार बनने से पहले मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय से कहा था कि हम दो मंत्री पद चाहते हैं। अनुसूचित जाति से हमारा एक मंत्री है। अब हम चाहते हैं कि हमारी पार्टी से एक सवर्ण जाति के विधायक को मंत्रिमंडल में समायोजित किया जाए।
किसको बनाना चाहते हैं मांझी मंत्री : हम के सूत्रों ने बताया कि पार्टी संस्थापक मांझी भूमिहार नेता अनिल कुमार को मंत्री बनाना चाहते हैं, जो टिकारी विधानसभा सीट से विधायक हैं और वर्तमान में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। हम के विधानसभा में चार सदस्य हैं।
जदयू द्वारा 2022 में राजग से नाता तोड़ने के बाद मांझी भी गठबंधन से अलग हो गए थे, लेकिन 6 महीने पहले ही वह भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में लौट आए थे। उन्हें उम्मीद है कि उनकी मांग को लेकर भाजपा भी नीतीश पर दबाव बनाएगी।
प्रभावशाली राजपूत परिवार से आने वाले निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह का नाम लिए बिना मांझी ने कहा कि आखिरकार निर्दलीय को भी मंत्री बनाया गया है। मांझी ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मु्द्दे पर बात की है और उम्मीद है कि जब मंत्रिमंडल विस्तार होगा, तो उनकी मांग पर ध्यान दिया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर उनकी मांग को नजरअंदाज किया गया, तो यह अन्याय होगा। उन्होंने कहा कि महागठबंधन (कांग्रेस, राजद और वामपंथी दलों के) के नेताओं ने मेरे परिवार के सदस्यों से बातचीत में मुझे मुख्यमंत्री बनाने का प्रलोभन देने की कोशिश की। लेकिन, हमने प्रलोभन का विरोध किया और राजग के प्रति निष्ठावान रहे। हमारी मांग मगध क्षेत्र के सामाजिक समीकरण में भी निहित है, जहां से मैं आता हूं। (भाषा)
Edited by: vrijendra Singh Jhala