दंतेवाडा में कड़कनाथ का अनोखा विवाह हुआ। ज़िला मुख्यालय में कालिया की धूमधाम से बारात निकाली गई। इसमें कड़कनाथ पालक महिलाएं व किसान मौज़ूद रहे। पारम्परिक नाचा के साथ यह बारात एसबीआई चौक दंतेवाड़ा से निकली। माँ दंतेश्वरी के दर्शन के बाद अपने हीरानार के लिए रवाना हुए। इस बारात में महिला समूहों के अलावा बतख, मुर्गा भी शामिल हुए। कड़कनाथ के इस विवाह के पीछे इसकी प्रजाति को प्रोत्साहन देना है।
कालिया के पिता का फ़र्ज़ निभाया हीरानार के लुदरु नाग ने। उन्होंने बताया कि इस विवाह का उद्देश्य कड़कनाथ प्रजाति को प्रोत्साहन देना है। हम देशभर में यह बताना चाहते हैं कि कड़कनाथ का पालन दंतेवाड़ा में हो रहा है। पहले मेढक-मेंढकी की शादी होती है, हम अब कड़कनाथ की शादी कर सकारात्मक संदेश देना चाहते हैं। इस शादी का खर्चा कड़कनाथ पालक समूह ने मिलकर उठाया। दुल्हन बनीं कड़कनाथ के भाई भी भूमिका में रहने वाले शैलेश अटामि ने कहा कि बेटियां हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण होती है।