Kashmiris' prayers regarding snowfall were answered : आखिर कश्मीरियों की दुआ कबूल हो गई है। कई महीनों के सूखे के बाद कश्मीर में बर्फबारी का आगमन हो ही गया। हालांकि बर्फबारी इतनी नहीं है कि वह कश्मीरियों को भरपूर खुशी दे सके पर चेहरों पर मुस्कराहट आई है और साथ ही उम्मीद जगी है कि आने वाले दिनों में जमकर बर्फबारी होगी।
कई महीनों से बारिश न होने का परिणाम यह था कि कश्मीर की लाइफ लाइन माने जाने वाला दरिया जेहलम भी पहली बार 66 सालों के दौरान दूसरी बार पूरी तरह से सूख गया था, जो कश्मीरियों की चिंता का कारण बन गया था। अब उन्होंने राहत की सांस ली है।
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि कश्मीर में लंबे समय से जारी शुष्क दौर बाधित हो गया क्योंकि जम्मू-कश्मीर के बांडीपोरा जिले के गुरेज सेक्टर में रातभर हल्की बर्फबारी हुई, साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई। हल्के पश्चिमी विक्षोभ ने शुक्रवार रात जम्मू-कश्मीर को प्रभावित किया था, जिसके परिणामस्वरूप उत्तरी कश्मीर के गुरेज क्षेत्र में हल्की बर्फबारी हुई। लद्दाख के द्रास में भी बहुत हल्की बर्फबारी हुई, पर वहां बर्फ के जमा होने की कोई सूचना नहीं है।
पिछले साल दिसंबर के दौरान, जम्मू और कश्मीर में वर्षा में 79 फीसदी की कमी का सामना करना पड़ा और जनवरी के शुरुआती सप्ताह में कोई वर्षा नहीं हुई। आसमान में बादल छाए रहने के कारण कश्मीर के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान बढ़ गया, जो इस मौसम के सामान्य स्तर से कई डिग्री अधिक है।
मौसम विज्ञानियों ने शनिवार को 16 और 20 जनवरी को कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण अलग-अलग ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना जताई, लेकिन कहा कि 23 जनवरी तक शुष्क मौसम जारी रहने की संभावना है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शुष्क मौसम 23 जनवरी तक जारी रहने की संभावना है और 16 और 20 की शाम को कमजोर पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है।
याद रहे कश्मीर घाटी सर्दियों की 40 दिनों की कठोर अवधि चिल्ले कलां के अंतर्गत है, जो 30 जनवरी को समाप्त होगी। हालांकि इसका मतलब सर्दियों का अंत नहीं है। इसके बाद 20 दिन की लंबी अवधि चिल्ले खुर्द आती है जो 30 जनवरी से 19 फरवरी के बीच होती है और 10 दिन की लंबी अवधि चिल्ले बच्चा (बच्चों की ठंड) होती है जो 20 फरवरी से 1 मार्च तक होती है।