केरल में फैला ब्रेन-ईटिंग अमीबा, जानिए क्यों है इतना खतरनाक, 18 लोगों की मौत, 76 मामले
केरल में मस्तिष्क संक्रमण से जुड़ी बीमारी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस का खौफ बढ़ते जा रहा है। मीडिया खबरों के अनुसार राज्य में अब कुल 76 मामले सामने आए हैं। मीडिया खबरों के मुताबिक इस साल अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने निगरानी बढ़ा दी है और मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है।
क्यों कहते हैं दिमाग खाने वाला अमीबा
विशेषज्ञों के मुताबिक नेगलेरिया फाउलेरी एक स्वतंत्र रूप से रहने वाला अमीबा है जो प्राथमिक अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस (PAM) बीमारी का कारण बन सकता है। यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (CNS) का एक दुर्लभ और तेजी से घात करने वाला संक्रमण है। यह ऊतकों और कोशिकाओं को मृत करता जाता है। एन्सेफलाइटिस यानी दिमाग में सूजन पैदा होने लगती है और इस हेमटोजेनस फैलने से मरीज की मौत हो सकती है। इसलिए इसे आम भाषा में ब्रेन ईटिंग यानी दिमाग खाने वाला अमीबा कहते हैं।
कई राज्यों में फैल चुका है संक्रमण
ब्रेन ईटिंग अमीबा का प्रभाव सिर्फ केरल तक नहीं है बल्कि संक्रमण का असर अन्य राज्यों तक पहुंच चुका है। ICMR के अनुसार 2019 तक देश में इस बीमारी के 17 मामले सामने आए लेकिन कोरोना महामारी के बाद कई तरह के संक्रमणों में उछाल देखने को मिला है। इसलिए शायद अचानक से बढ़ी इस बीमारी के पीछे यह एक कारण हो सकता है। कोरोना से पहले आखिरी बार 26 मई 2019 को हरियाणा में एक 8 माह की बच्ची में यह बीमारी सामने आई। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma