यहां स्थित राज्य विधान भवन परिसर में बातचीत में परब ने कहा कि अयोग्यता याचिकाओं पर बहस के दौरान दीपक केसरकर ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे ने पार्टी में किसी भी चुनाव प्रक्रिया की अनुमति नहीं दी और लोकतंत्र को सम्मान नहीं दिया। बालासाहेब की विचारधारा को मानने वाले लोग ऐसी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं और कह रहे हैं कि 1999 से आज तक (पार्टी में) कोई चुनाव प्रक्रिया नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि ऐसी बातें कहने से पहले केसरकर को अध्ययन कर जानकारी जुटानी चाहिए थी। उन्हें पता होना चाहिए था कि बालासाहेब कैसे थे और कैसे काम करते थे? परब ने कहा कि बालासाहेब कहते थे कि उन्हें 'फालतू लोकशाही' स्वीकार नहीं है, लेकिन चुनाव प्रक्रिया शुरू से ही शिवसेना में होती रही है इसलिए केसरकर ने बहस के दौरान बालासाहेब के बारे में गलत बातें कही हैं।